Wednesday 25 April 2018

आयकर की रिटर्न कर निर्धारण वर्ष 2018 -19 के सम्बन्ध में 21 महत्वपूर्ण संसोधन


1. एक व्यापारी, "चाहे वो पूंजीगत व्यय हो या आयगत व्यय हो" Rs. 10000 से अधिक की रकम का भुगतान नकद में नहीं कर सकता, पहले यह राशि Rs. 20000 थी। 

2. एक करदाता किसी भी व्यक्ति से एक दिन में और एक बिल के भुगतान के सन्दर्भ में Rs. 200000 से अधिक की राशि को नकद में प्राप्त नहीं कर सकता, ऐसा करने पर करदाता पर Section 271DA के अंतर्गत उतनी ही पेनल्टी लगाएगी जितना कि उसने नकद  में प्राप्त किया है।

3. जिन व्यापारियों का सलाना टर्नओवर 2 करोड़ से कम है, वे व्यापारी अपनी इनकम Section 44 AD के अंतर्गत दिखा सकते हैं। नकदी बिक्री के मामले में टर्नओवर का 8 % प्रॉफिट और गैर नकदी बिक्री के मामले में 6 % रहेगा और व्यापारियों को अपने खातों को ऑडिट नहीं करवाना पड़ेगा। Section 44 AD की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

4. टैक्स छूट सीमा Rs. 250000 तक कोई टैक्स नहीं, Rs. 250000 से  Rs. 500000 तक 5 %, Rs. 500000 से Rs. 1000000 तक 20 % और Rs. 1000000 से ऊपर 30 % है। कर निर्धारण 2017 - 18 में यह सीमा  Rs. 250000 से  Rs. 500000 तक 10 % टैक्स था, Rs. 500000 से Rs. 1000000 तक 20 % और Rs. 1000000 से ऊपर 30 % थी। 

5. Section 87A की छूट Rs. 5000 से घटा कर Rs. 2500 कर दी गयी है, और यह छूट केवल उन्हीं करदाताओं को दी जाएगी जिनकी कर योग्य आय Rs. 350000 तक है। पहले यह सीमा Rs. 500000 तक थी। 

6. जिन करदाताओं की आय 50 लाख से ऊपर और 1 करोड़  से कम है उन की आय पर कर के इलावा 10 % अधिभार और लगेगा और 1 करोड़ से ऊपर की आय वाले करदाताओं को कर के साथ साथ 15 % अधिभार देना होगा। 

7. कोई भी व्यक्ति (इंडिविजुअल) या HUF Rs. 50000 से अधिक किराये का भुगतान करता है तो उसको किराये की रकम में से 5 % टीडीएस काटना पड़ेगा, इसकी डिटेल फॉर्म 26QC में सबमिट करनी पड़ेगी और और फॉर्म 16C उस व्यक्ति को जारी करना होगा जिसका टीडीएस कटा गया है, जिससे कि वो अपनी आयकर विवरणी में उसको दिखा सके। 

8. भूमि और भवन की बिक्री करने पर प्राप्त होनेवाले पूंजीगत लाभ की कैलकुलेशन के लिए अवधि 3 साल से घटाकर 2 वर्ष और आधार वर्ष 01/04/1981 से 01/04/2001 तक स्थानांतरित हो गया।

9. 50 करोड़ रुपए तक की सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए वर्ष 2017-18 के लिए कॉर्पोरेट टैक्स दर (खाता वर्ष 2015-16 में) को घटाकर 25% कर दिया गया है, 30% की फर्म कर दर में कोई बदलाव नहीं।

10. Rs. 2,000 रूपए से अधिक का  नकद में दान, धारा 80 जी के तहत कटौती के लिए पात्र नहीं होगा, पहले यह सीमा Rs. 10000 थी।  परन्तु नकद के अतिरिक्त Rs. 2000 से अधिक की राशि को चेक, ड्राफ्ट, RTGS, NEFT या ऑनलाइन पेमेंट आदि के माध्यम से भुगतान करता है तो वह कटौती के लिए मान्य होगी। 

11. अनकोटेड शेयर पर कर उचित मूल्य पर लगाया जायेगा।

12 . अधिसूचित प्रतिदेय बांडों में पूंजीगत लाभ के पुनर्निवेश पर कर छूट (एनएचएआई और आरईसी बांड में निवेश के अतिरिक्त) पर उपलब्ध होगा।

13. आईटी अधिनियम 1961 की धारा 80 सीसीजी के तहत राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के तहत सूचीबद्ध इक्विटी शेयर या इक्विटी उन्मुख फंडों की सूचीबद्ध इकाइयों में पहली बार निवेश का कटौती वित्त वर्ष 2017-18 से वापस ले लिया गया है। यदि कोई व्यक्ति पहले से 1 अप्रैल 2017 से पहले इस योजना के तहत कटौती का दावा कर चुका है, तो उन्हें अगले दो वर्षों में कटौती का लाभ उठाने की अनुमति होगी।

14. राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से आंशिक निकासी के लिए कोई कर लागू नहीं है। सेवानिवृत्ति से पहले आपातकाल के लिए एनपीएस ग्राहकों को अपने योगदान के 25% को वापस लेने में सक्षम होंगे। सेवानिवृत्ति से पहले 40% का निकास कर मुक्त है।

15. विनिर्दिष्ट माल के खरीदार के पैन के अभाव में, टीसीएस की दर हद तक दर या 5% की होगी, जो भी अधिक हो।

16. वित्तीय वर्ष 2017-18 से, यदि नियत तारीख के भीतर दायर नहीं किया गया है, तो 31 दिसंबर के देरी के लिए Rs.5000 की देर से फीस और उसके बाद Rs. 10,000 रुपये, 5 लाख तक की आय वाले छोटे करदाताओं के लिए इस तरह के फीस के लिए रुपये 1 हजार तक सीमित होगा।

17. एक साधारण एक पृष्ठ कर रिटर्न फॉर्म को प्रत्येक व्यक्ति के लिए कर योग्य आय के साथ शुरू किया जाना चाहिए 5 लाख (व्यवसाय आय को छोड़कर) इस श्रेणी में पहली बार दाखिल करने वाले रिटर्न आम तौर पर जांच के अधीन नहीं होंगे।

18. प्रासंगिक वित्तीय वर्ष के अंत से या आकलन पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, कर रिटर्न में संशोधन के लिए समय अवधि एक वर्ष (2 साल से) में कटौती

19. जहां धारा 12 एए दर्ज किए गए ट्रस्ट अपने ऑब्जेक्ट क्लॉज को संशोधित करते हैं, उन्हें अनुमोदन के लिए 30 दिन से सीआईटी तक आवेदन करना होगा।

20. आईटी रिटर्न दाखिल करते समय आधार संख्या का खुलासा करना अनिवार्य है। इससे पहले यह आधार संख्या का खुलासा करने के लिए वैकल्पिक था। आम तौर पर आईटी रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है।

21. आईटी रिटर्न दाखिल करते समय जो टर्नओवर GST की Return में दिखाया है वह टर्नओवर को ITR में दिखाना होगा। 

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